क्या लाया था साथ में , क्या तू लेकर जाय ।
देह तलक संग ना चले, फिर क्यों रहा ठगाय ।।
धन दौलत हीरे मोती , कुछ भी साथ ना जाय ।
ताकत, सुंदरता सभी कुछ, यहीं धरी रह जाय ।।
झूठे नाते रिश्ते हैं , सब मतलब के यार ।
स्वारथ है तो अपने हैं, वरना सब बेकार ।।
प्रेम कभी मरता नहीं , सच्ची बात ये जान ।
प्रेम में ही ईश्वर बसें, बात "हरि" की मान ।।
झूठा जग झूठा चलन, झूठा सब व्यापार ।
झूठे वादे झूठी कसम, झूठा प्यार दुलार ।।
दो दिन की है जिंदगी, कह गये ज्ञानी लोग ।
किसपे गुमां इतना करे, काहे लगाये रोग ।।
दिल से दिल जब मिल गये, स्वर्ग सों आनंद आय ।
प्रेमी में दीखै खुदा , प्रेम में दुनिया समाय ।।
हरिशंकर गोयल "हरि"
23.3.22
Gunjan Kamal
23-Mar-2022 10:50 AM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Hari Shanker Goyal "Hari"
23-Mar-2022 10:51 AM
धन्यवाद आदरणीय 💐💐🙏🙏
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Swati chourasia
23-Mar-2022 10:42 AM
बहुत ही सुंदर रचना 👌👌
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Hari Shanker Goyal "Hari"
23-Mar-2022 10:46 AM
हार्दिक आभार जी 💐💐🙏🙏
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Renu
23-Mar-2022 10:12 AM
बहुत सुंदर प्रस्तुति
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Hari Shanker Goyal "Hari"
23-Mar-2022 10:46 AM
हार्दिक आभार जी 💐💐🙏🙏
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