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लेखनी कहानी -23-Mar-2022 नश्वरता के दोहे

नश्वरता के दोहे 



क्या लाया था साथ में , क्या तू लेकर जाय । 

देह तलक संग ना चले, फिर क्यों रहा ठगाय ।। 

धन दौलत हीरे मोती , कुछ भी साथ ना जाय ।
ताकत, सुंदरता सभी कुछ, यहीं धरी रह जाय ।। 

झूठे नाते रिश्ते हैं , सब मतलब के यार ।
स्वारथ है तो अपने हैं, वरना सब बेकार ।।

प्रेम कभी मरता नहीं , सच्ची बात ये जान ।
प्रेम में ही ईश्वर बसें, बात "हरि" की मान ।।

झूठा जग झूठा चलन, झूठा सब व्यापार । 
झूठे वादे झूठी कसम, झूठा प्यार दुलार ।।

दो दिन की है जिंदगी, कह गये ज्ञानी लोग ।
किसपे गुमां इतना करे, काहे लगाये रोग ।। 

दिल से दिल जब मिल गये, स्वर्ग सों आनंद आय ।
प्रेमी में दीखै खुदा , प्रेम में दुनिया समाय ।। 

हरिशंकर गोयल "हरि"

23.3.22 

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10 Comments

Gunjan Kamal

23-Mar-2022 10:50 AM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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Hari Shanker Goyal "Hari"

23-Mar-2022 10:51 AM

धन्यवाद आदरणीय 💐💐🙏🙏

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Swati chourasia

23-Mar-2022 10:42 AM

बहुत ही सुंदर रचना 👌👌

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Hari Shanker Goyal "Hari"

23-Mar-2022 10:46 AM

हार्दिक आभार जी 💐💐🙏🙏

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Renu

23-Mar-2022 10:12 AM

बहुत सुंदर प्रस्तुति

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Hari Shanker Goyal "Hari"

23-Mar-2022 10:46 AM

हार्दिक आभार जी 💐💐🙏🙏

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